राजकोट डिविजन ने लगया ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का अर्धशतक। 51 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाकर 8 राज्यों में सप्लाई की गयी 5100 टन प्राणवायु।

भारतीय रेलवे देश भर के विभिन्न राज्यों में मिशन मोड में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) पहुंचाकर राहत पहुंचाने का क्रम जारी रखे हुए है। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे के राजकोट डिविजन ने ऑक्सीजन एक्स्प्रेस ट्रेन चलाने का अर्धशतक लगाया गया है। राजकोट डिविजन द्वारा 51 ऑक्सीजन एक्स्प्रेस ट्रेनें चलाकर अभी तक 8 राज्यों में करीब 5100 टन प्राणवायु की सप्लाई की गयी है जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र शामिल हैं।    

 राजकोट मंडल रेल प्रबंधक परमेश्वर फुंकवाल ने बताया कि 25 अप्रैल, 2021 को राजकोट मंडल द्वारा एक नया मील का पत्थर हासिल किया गया जब ऑक्सीजन टेंकरों से लदे हुए ट्रक को BWT वेगन में नवीन प्रयासों से RO-RO सर्विस के तहत लोड करके ऑक्सीजन एक्स्प्रेस ट्रेन हापा से कालम्बोली (महाराष्ट्र) के लिए रवाना हुई थी। तब से लेकर आज तक राजकोट डिविजन द्वारा कुल 51 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया गया है जिसमें 269 ऑक्सीजन टेंकरों द्वारा करीब 5100 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की विभिन्न राज्यों को आपूर्ति की गयी है। इन 51 ट्रेनों में हापा से 37 व रिलायंस रेल टर्मिनल कानालूस से 14 ट्रेन चलायी गयी है। राजकोट डिविजन द्वारा 28 मई, 2021 को 3 और ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई गई हैं। पहली ट्रेन कानालूस से आंध्रप्रदेश के लिए चलायी गयी जिसमें 4 टेंकरों द्वारा 72.07 टन ऑक्सीजन भेजी गयी। दूसरी ट्रेन कानालूस से कर्नाटक के लिए चलायी गयी जिसमें 6 टेंकरों द्वारा 109.84 टन ऑक्सीजन भेजी गयी। तीसरी ट्रेन हापा से दिल्ली केंट के लिए चलायी गयी जिसमें 7 टेंकरों द्वारा 141.90 टन ऑक्सीजन भेजी गयी। गौर तलब है कि ऑक्सीजन की आवश्यकता को देखते इन ट्रेनों को जल्द गंतव्य तक पहुंचने के लिए ग्रीन कॉरिडॉर के तहत निर्बाध पथ उपलब्ध कराया गया है।

इन ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के जरिये पूरे देश में ऑक्सीजन की सख्त जरूरत वाले कोविड-19 मरीजों को मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध करवाया गया जिससे कई नागरिकों की कीमती जिंदगी को बचाया जा सका। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद ने दिन-रात ऑक्सीजन एक्स्प्रेस ट्रेन चलाने में जुटे हुए रेलकर्मियों व अधिकारियों को बधाई देते हुए डीआरएम श्री फुंकवाल उनका आभार व्यक्त किया है तथा उनसे आगे भी इस पुनीत कार्य को पूरी निष्ठा से जारी रखने का अनुरोध किया है।

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