साबरमती रेलवे यार्ड की तकनीकी बाधाएं दूर, माल गाड़ियों का संचालन हुआ आसान

पश्चिम रेलवे के अहमदाबाद मंडल के साबरमती रेलवे गुड्स यार्ड में सभी तकनीकी बाधाओं को दूर कर लिया गया है। इससे माल गाड़ियों का परिचालन आसान होगा तथा शंटिंग ऑपरेशन आसान होने से प्रति ट्रेन लगभग डेढ़ घंटे की बचत होगी।

 साबरमती गुड्स यार्ड में वर्तमान में कुल 16 लाइनें है जिसमें 8 लाइनें उत्तरी यार्ड तथा आठ लाइनें दक्षिण यार्ड में है। साबरमती बीजी  अहमदाबाद मंडल का सबसे बड़ा क्रू एवं ट्रेक्शन चेंजिंग पॉइंट भी है तथा इस यार्ड में प्रतिदिन 30 ट्रेनें खड़ी होती है एवं उनका मैकेनिकल परीक्षण भी होता है।

 पूर्व में इस यार्ड में तकनीकी बाधाऐं होने के कारण मोटरकार वेन, कंटेनर ट्रेन तथा लॉडेड रेलों से लदान किए गए रेकों को सीधे मूवमेंट करना संभव नहीं था। उन्हें डिस्पेच यार्ड से रिसेप्शन यार्ड में लाना पड़ता था जिसमें डेढ़ घंटा ज्यादा लगता था तथा उसके बाद ही विरमगाम की ओर मूवमेंट संभव होता था। जब शंटिंग चालू रहता था तब अहमदाबाद की ओर से कोई ट्रेन यार्ड में प्रवेश नहीं कर पा रही थी।

 डीआरएम के अनुसार डिवीजन ने क्रॉसओवर को सरल एवं आसान बनाया तथा ओएचई के लेआउट में बदलाव कर इसे बेहतर बनाया गया। मैकेनिकल विभाग द्वारा 60 रैक प्रति माह इस यार्ड में परीक्षण किए जाते हैं। जिससे उन्हें परीक्षण के बाद सीधा चलाया जा सकेगा। यह कार्य 18 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था तथा 25 मार्च 2021 को तय समय सीमा में सम्पूर्ण कर लिया गया। शंटिंग बंद होने से रेल संरक्षा में बढ़ोतरी होगी तथा मेन पावर का समुचित उपयोग संभव होगा।                                 

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